श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देशभर में 1.25 लाख करोड़ रुपये का हुआ व्यापार
-दिल्ली में 25 और यूपी में 40 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान
देशभर में श्रीराम मंदिर के डेढ़ लाख से ज़्यादा कार्यक्रम व्यापारियों ने किए
नई दिल्ली, 23 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश की अर्थव्यवस्था में सनातन इकोनॉमी का एक नया अध्याय जुड़ा है, जिसके तेज़ी से देशभर में विस्तार होने की बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक श्रीराम मंदिर में समारोह से देशभर में करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें अकेले दिल्ली में लगभग 25 हजार करोड़ और उत्तर प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रुपये का सामान और सेवाओं के जरिए व्यापार हुआ है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने मंगलवार को बताया कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब आस्था एवं भक्ति के कारण इतने बड़ा पैसा व्यापार के ज़रिए देश के बाजारों में आया है। खंडेलवाल ने कहा कि विशेष बात ये है कि यह सारा व्यापार छोटे व्यापारियों एवं लघु उद्यमियों द्वारा किया गया, जिसके कारण यह पैसा व्यापार में आर्थिक तरलता को और बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर की वजह से देश में व्यापार के अनेक नए अवसर मिले हैं। बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार का अवसर भी मिलेगा।
खंडेलवाल ने कहा कि अब समय आ गया है, जब आंत्रप्रेन्योर एवं स्टार्टअप्स को व्यापार में नए आयाम जोड़ने की क़वायद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कैट इस विषय पर जल्द ही एक सेमिनार नई दिल्ली में करने जा रहा है। खंडेलवाल ने बताया कि कैट के हर शहर अयोध्या-हर घर अयोध्या राष्ट्रीय अभियान के तहत एक जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक देश के 30 हजार से ज़्यादा छोटे-बड़े व्यापारिक संगठनों ने देशभर में डेढ़ लाख से ज़्यादा कार्यक्रम आयोजित किए, जिसमें अकेले 22 जनवरी को एक लाख से ज़्यादा आयोजन हुए।
उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से करीब 2 हज़ार शोभायात्रा, 5 हज़ार से अधिक बाज़ारों में श्री राम फेरी, 1000 से अधिक श्रीराम संवाद कार्यक्रम, 2500 से ज़्यादा संगीतमय श्रीराम भजन एवं श्रीराम गीत कार्यक्रम आयोजित किए गए। 22 जनवरी को देशभर में व्यापारी संगठनों द्वारा बाज़ारों में 15 हज़ार से अधिक एलईडी स्क्रीन लगाई गईं तथा 50 हजार से अधिक स्थानों पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, अखंड रामायण एवं अखंड दीपक के कार्यक्रम किए गए। इसके साथ ही देशभर में 40 हजार से अधिक भंडारे का आयोजन व्यापारियों ने किए।
खंडेलवाल ने यह भी बताया कि देशभर में करोड़ों की संख्या में श्रीराम मंदिर के मॉडल, माला, लटकन, चूड़ी, बिंदी, कड़े, राम ध्वज, राम पटके, राम टोपी, राम पेंटिंग, राम दरबार के चित्र, श्री राम मंदिर के चित्र आदि की भी ज़बरदस्त बिक्री हुई। इसके साथ ही देशभर में पंडितों एवं ब्राह्मणों को भी बड़े पैमाने पर इनकम हुई। उन्होंने बताया कि करोड़ों किलो मिठाई एवं ड्राई फ्रूट की प्रसाद के रूप में बिक्री की गई । यह सब आस्था और भक्ति के सागर में डूबे लोगों द्वारा किया गया और देश भर में ऐसा मंजर पहले कभी देखने को नहीं मिला। देशभर में करोड़ों रुपये के पटाखे, मिट्टी के दीपक, पीतल एवं अन्य वस्तुओं से बने दीपक की भी खूब बिक्री हुई।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोग उपहार के रूप में श्रीराम मंदिर देंगे, ऐसी बड़ी संभावना दिखाई देती है। शादियों में मेहमानों को श्रीराम मंदिर उपहार के रूप में देने की शुरुआत हो ही चुकी है। श्रीराम के प्रति देश के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों की आस्था और विश्वास को अभिव्यक्त करने के लिए कैट ने सनशाइन फाउंडेशन के साथ मिलकर एक बेहद मधुर गीत हर साज में राम बजे-हर घर में अयोध्या सजे, यह संकल्प उठाना है-श्री राम को घर घर लाना है, को रिलीज़ किया है।