सूरत : पधारो म्हारा राम कवि सम्मेलन में उमड़ा श्रोताओं के सैलाब
कवियों ने काव्य रचनाओं से बना डाला राममय वातावरण
सूरत के पर्वतगाम विस्तार में आयोजित कवि सम्मेलन में श्रोताओं का सैलाब सा उमड़ पड़ा
अयोध्या में नव निर्मित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर की पूर्व संध्या पर सूरत के पर्वतगाम विस्तार में रविवार को रात्रि 8 बजे आयोजित कवि सम्मेलन में श्रोताओं का सैलाब सा उमड़ पड़ा। कवि सम्मेलन की शुरुआत से पूर्व सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का संगान किया गया। कवि सम्मेलन का आगाज अलीगढ़ से आए गीतों के राजकुमार के रूप में ख्यातनाम मशहूर गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने किया। उन्होंने अपने मधुर कंठ से राममय गीत की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। मंच संचालक शशिकान्त यादव ने पहले कवि के रूप में इटावा से आए युवा कवि गौरव चौहान ने अपनी ओजस्वी वाणी से गजब की प्रस्तुति दी।
कवि गौरव चौहान ने राममय माहौल में यह रचना पढ़ी
अवध में गाओ खूब बधाई
घड़ी मन्दिर बनने की आई
कई वर्षों की है कठिन तपस्या
राम भक्तों की रंग लाई
टी वी चेनल पर नेताजी लपेटे में कार्यक्रम के सेकड़ो एडिसोडो में प्रस्तुति देकर चर्चित हुए गौरव चौहान ने पाकिस्तान, चीन जैसे देशों की भारत विरोधी करतूतों पर व्यंगात्मक लहजे में तंज कसे
अगले क्रम पर इंस्टाग्राम पर युवाओं के बीच चर्चित हुए लखनऊ के युवा गीतकार स्वंयम श्रीवास्तव ने भगवान राम की पर अपने भाव प्रकट किए व युवाओं की पसंददीदा रचना पढ़ी
मुश्किल थी सम्हालना ही पड़ा घर के वास्ते,
फिर घर से निकालना ही पड़ा घर के वास्ते.
मजबूरीयों का नाम हमने शौक रख दिया,
हर शौक बदलना ही पड़ा घर के वास्ते ।
स्वंयम श्री वास्तव के बाद बारी आई नोएडा से समागत कवियत्री प्रियंका रॉय के जिन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी स श्रोताओं में उत्साह का संचार कर दिया
प्रियंका रॉय ने यह रचना पढ़ी
जीत गया सत्य सनातन, विजय अयोध्या धाम की
गर्व से बोलो राम के वंशज , जय जय श्री राम की
इसके अलावा उन्होंने प्रभु राम पर ये पंक्तियां भी पढ़ी
सारी दुनिया देखेगी जब राम अयोध्या आएंगे
बहुत सह लिया अब नही सहेंगे, राम अयोध्या आएंगे
अगली कड़ी में मशहूर गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना ने मधुर स्वर में प्रभु श्री राम पर पंक्तियों से शुरुआत की
स्वागत है प्रभु राम आपका स्वागत है प्रभु राम
देनी पड़ी अनेक परीक्षा, पांच सदी की कड़ी प्रतीक्षा
प्रेम गीतों के लिए मशहूर डॉ विष्णु सक्सेना की इस रचना ने खूब तालियां बटोरी
दिल की जमीं पर जब फसल यादों की बोओगे
जिससे जितना प्यार करोगे, उतना रोओगे
कैसा होता है दर्द टूटने का ये डाली से पूछो
पतझड़ आने की पीड़ा तुम हरियाली से पूछो
सक्सेना के पश्चात मंच संचालक शशिकान्त यादव ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। यादव का संचालन श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ गया।
अंत मे काव्य जगत के ख्यातनाम कवि डॉ हरिओम पंवार ने तनिक बुखार की स्थिति में इतने जोश के साथ प्रभु राम से जुड़ी एक कविता प्रस्तुत की कि श्रोताओं ने उनके सम्मान में खड़े होकर कविता को सराहा
राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं
राम हमारे भारत की पहचान हैं
राम हमारे घट-घट के भगवान् हैं
राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं
राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं
मंदिर-मस्जिद पूजा के सामान हैं
बाबर हमलावर था मन में गढ़ लेना
इतिहासों में लिखा है पढ़ लेना
जो तुलना करते हैं बाबर-राम की
उनकी बुद्धि है निश्चित किसी गुलाम की
डॉ हरिओम पंवार ने और भी अनेक रचनाएं पढ़ी।
रात्रि 8 बजे प्रारम्भ हुआ कवि सम्मेलन 12 बजे मध्यरात्रि में सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन में श्रोताओं की बढ़ती उपस्थिति देख दो हजार कुर्सियों की अतिरिक्त व्यवस्था की, व कुल 7 हजार श्रोताओं की उपस्थिति रही। ये कवि सम्मेलन अविस्मरणीय आयोजन बन गया व कवियों ने इतनी सर्दी में खुले मैदान में इतनी बड़ी तादाद में श्रोताओं की उपस्थिति को खूब सराहा व सूरत के श्रोताओं के कविता के प्रति गहरी रुचि को अद्वितीय बताया। इस अवसर पर लिम्बायत की विधायिका संगीता बेन पाटील, डिप्टी मेयर नरेंद्र पाटील, शासक पक्ष नेता शशि त्रिपाठी, फोस्टा के अध्यक्ष कैलाश हाकिम, बिल्डर अनिल रूंगटा, राजू भाई चांडक, समाजसेवी विश्व नाथ पचेरिया, कवि सम्मेलन में कवियों की टीम के चयनकर्ता गणपत भंसाली का सम्मान किया गया। कार्यक्रम की आयोजन सिमिति के दिनेश राजपुरोहित व कुंज पंसारी का भी सम्मान किया गया। प्रारंभिक संचालन प्रकाश पुरोहित ने किया।