सूरत : पूर्व पास नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को कोर्ट ने बरी किया

2017 में पुलिस ने गैर-राजनीतिक रैली में राजनीतिक भाषण देने पर मामला दर्ज किया था

सूरत : पूर्व पास नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को कोर्ट ने बरी किया

6 साल बाद सूरत कोर्ट ने हार्दिक पटेल को बरी कर दिया

सूरत पाटीदार आरक्षण आंदोलन (पास) का केंद्र था। पूर्व पास नेता और वर्तमान बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल के नेतृत्व में साल 2017 में सरथाना इलाके में एक विशाल रैली आयोजित की गई थी। जिसमें पुलिस की कोई अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए हार्दिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामला कोर्ट में गया तो दोनो पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने हार्दिक को बरी कर दिया।

2017 में पूर्व पास नेता और वर्तमान बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल द्वारा पुलिस की इजाजत के बिना सरथाणा से रैली निकालने के मामले में सूरत नामदार कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पूर्व पास नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल को निर्दोष करार दिया गया है। 15000 का अपील बांड भरने का आदेश दिया गया है। यह रैली 2017 में पुलिस की अनुमति के बिना आयोजित की गई थी। शहर पुलिस आयुक्त की घोषणा का उल्लंघन किया गया था। इस मामले में हार्दिक पटेल आज सूरत कोर्ट में खुद मौजूद थे। 

पूर्व पास नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल ने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है, विजय सत्य की ही होती है। 2017 के मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा था। मैं न्यायिक प्रक्रिया को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। हार्दिक ने वडोदरा की घटना पर दुख जताते हुए कहा, भगवान मृतक बच्चों के माता-पिता को शक्ति दे। विकासशील गुजरात में इस तरह की घटना होना दुखद है।

हार्दिक ने बीजापुर से कांग्रेस विधायक के इस्तीफे पर बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस में नेता लगातार घुटन महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस से अलग हुए नेता विकास कार्यों को समर्थन देने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। 550 साल बाद अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है, कांग्रेस के नेता बीजेपी में शामिल होकर विकास कार्यों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। गुजरात की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट जनादेश दिया है। जिस सीट से कांग्रेस के विधायक जीते वहां कोई विकास कार्य नहीं हुआ। कांग्रेस के नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं क्योंकि उन्होंने विकास कार्यों में मदद ही नहीं की।

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