भारतीय विमानन क्षेत्र पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य का प्रतीक है: ज्योतिरादित्य
इस दृष्टिकोण से हमने पिछले 9 वर्षों में देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी कर दी है
हैदराबाद/नई दिल्ली, 18 जनवरी (हि.स.)। हम न केवल हवाई जहाजों और हवाई अड्डों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं बल्कि एक समग्र एयरलाइन पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के विकास और संवर्द्धन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस दृष्टिकोण से हमने पिछले 9 वर्षों में देश में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी कर दी है।
गुरुवार को हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर आयोजित ग्लोबल एविएशन समिट के सत्र का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "वसुधैव कुटुंबकम" का दर्शन वास्तव में आम नागरिकों की उड़ान भरने की स्थानीय आकांक्षा को संबोधित करते हुए दुनिया को एक परिवार के रूप में जोड़ने वाले नागरिक उड्डयन के उद्देश्यों का प्रतीक है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र आर्थिक विकास के प्रमुख चालकों में से एक है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में इसकी वृद्धि अविश्वसनीय रही है। विमानन अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक लाभ प्रदान करती है, क्योंकि यह पर्यटन, व्यापार, कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करती है। आर्थिक विकास उत्पन्न करती है, नौकरियां प्रदान करती है, और दूरदराज के समुदायों के लिए जीवन रेखा प्रदान करती है। अभूतपूर्व परिस्थितियों के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र पहुंच, उपलब्धता और सामर्थ्य का प्रतीक है।
गुरुवार से हैदराबाद में चार दिवसीय "विंग्स इंडिया 24" शुरू हुआ। वाणिज्यिक, सामान्य और व्यापारिक विमानन क्षेत्र में फैले इस शो की थीम "अमृत काल में भारत को दुनिया से जोड़ना: भारत नागरिक उड्डयन @2047 के लिए मंच तैयार करना" है। इस कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन, सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. वीके सिंह, तेलंगाना के सड़क एवं भवन और छायांकन मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव असंगबा सी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना आरसीएस-उड़ान के तहत 3 व 4 टियर और देश के अन्य दूरदराज के कोने में 76 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सुस्त पड़ी हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को इस योजना के तहत बदल दिया गया है और अब वे देश के सुदूर हिस्सों में यात्रियों को पंख दे रहे हैं। इस योजना से 2.5 लाख से अधिक उड़ानों में 1.32 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। हमने लगभग 3,100 करोड़ रुपये का व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना (वीजीएफ) भी प्रदान की है और 1300 उड़ान मार्ग प्रदान कर 517 मार्गों का संचालन किया है।
मंत्री ने कहा कि देश में निर्बाध अंतिम मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए हम भारत में हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों के विकास को बढ़ावा देने पर भी काम कर रहे हैं। हमने छोटे विमान योजनाओं, सी-प्लेन मार्गों और हेलीकॉप्टर मार्गों के लिए विशेष उड़ान दौर आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि हमने नीतियों को उदार बनाया है ताकि देश में पायलटों, केबिन क्रू, इंजीनियरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। हमने देश में एफटीओ की संख्या में काफी वृद्धि की है, जो उद्योग के लिए प्रशिक्षित संसाधनों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। हम पिछले दो वर्षों में देश में रिकॉर्ड संख्या में वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी कर रहे हैं।