सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई
स्पीकर ने कहा था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता के रूप में नियुक्ति सही थी
नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा। आज उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करने का आग्रह किया, जिसके बाद कोर्ट ने 22 जनवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर द्वारा शिंदे गुट को असली शिवसेना करार देने के फैसले को चुनौती दी है। याचिका में स्पीकर द्वारा शिंदे गुट के 38 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
महाराष्ट्र के स्पीकर ने 10 जनवरी को अपने फैसले में कहा था कि जून 2022 में शिंदे गुट को 55 में से 37 विधायकों का समर्थन था। ऐसे में सुनील प्रभु को पार्टी का चीफ व्हिप नहीं माना जा सकता है। ऐसे में सुनील प्रभु को शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने का हक नहीं था। जो बैठक बुलाई गई थी, उसमें भी व्हाट्स ऐप के जरिये 12 घंटे से भी कम का समय दिया गया था। स्पीकर ने कहा था कि भरत गोगावले को चीफ व्हिप और एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता के रूप में नियुक्ति सही थी।
उद्धव ठाकरे गुट ने 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर 7 जनवरी को हुई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात पर आपत्ति जताई थी। हलफनामा में कहा गया था कि मुख्यमंत्री समर्थक विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने से पहले स्पीकर का उनसे मिलना गलत है।