सूरत : वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में मंत्रोच्चार के साथ "श्रीरामोत्सव" शुरू हुआ

अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर 16/01/2024 से 22/01/2024 तक "श्रीरामोत्सव" मनाया जायेगा

सूरत : वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में मंत्रोच्चार के साथ

सूरत में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ने अयोध्या में नवनिर्मित श्री राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर 16/01/2024 से 22/01/2024 तक "श्रीरामोत्सव" का आयोजन किया है। इस उत्सव का उद्घाटन समारोह 16 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. किशोर सिंह चावड़ा ने श्रीफल फोडकरक मंत्रोच्चार के साथ किया। साथ ही विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. किशोर सिंह चावड़ा एवं रजिस्ट्रार डॉ. रमेशदान गढ़वी ने आज से 7 दिनों तक प्रतिदिन चलने वाले "श्रीरामोत्सव" का शुभारंभ  श्री रामयज्ञ में आहुति देकर किया। इस उद्घाटन अवसर पर युवा कल्याण विभाग के ओ.एस.डी. डॉ. प्रकाश चंद्र पटेल, हिंदू अध्ययन विभाग के समन्वयक बालाजी राजे, पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ. भरत ठाकोर, सिंडिकेट सदस्य, सीनेट सदस्य, विभिन्न विभागों के हेड, समन्वयक, सहायक प्रोफेसर और शिक्षण सहायक उपस्थित थे।

गौरतलब है कि इस भव्य 'श्री रामोत्सव' में  16 जनवरी को पारंपरिक गरबा का आयोजन किया गया। इसके अलावा 17 जनवरी को शास्त्रीय नृत्य, 18 जनवरी को नृत्य नाटिका, 19 जनवरी को आदिवासी नृत्य, 20 जनवरी को प्रसिद्ध गायक हार्दिक दवे की संगीत संध्या और 21 जनवरी को गुजरात की लोकप्रिय कलाकार गीताबेन रबारी की लोकदिरा और बाद में महाआरती का आयोजन किया जाएगा। ये अलग-अलग कार्यक्रम शाम 7 बजे से रात 10:30 बजे तक होंगे। वहीं 22 जनवरी को रामयात्रा के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भी लाइव प्रसारण किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में केतनभाई देसाई (एबीआरएसएम के क्षेत्रीय अध्यक्ष), एसीपी एम. के. राणा, सिंडिकेट सदस्य  के. सी. पोरिया,  हशमुखभाई पटेल,  कनुभाई अलगोत्तार उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने अतिथियों का स्वागत जय श्री राम के उद्घोष से किया। किशोर सिंह चावड़ा ने बताया, पहले चरण के तहत विभिन्न समुदायों की महिलाओं और पुरुषों द्वारा भगवान श्री राम की थीम पर पारंपरिक गरबा का आयोजन किया गया है।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम क्षेत्र सरसह कार्यवाह  यशवन्त चौधरी ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को विश्व एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रहा है जब भगवान राम की जन्मस्थली पर बन रहे भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। उन्होंने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और सरदार वल्लभभाई पटेल, कारसेवकों के संघर्ष, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का लयबद्ध तरीके से पाठ किया। उन्होंने भारत के इतिहास को पराजय का नहीं बल्कि संघर्ष का इतिहास कहा। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को सिख की शिक्षा दी और "श्री रामोत्सव" कार्यक्रम के आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को धन्यवाद दिया। इस भव्य "श्री रामोत्सव" में कुल 10 मंडलियों द्वारा भगवान श्री रामचन्द्रजी पर पारंपरिक गरबा प्रस्तुत किया गया और पारंपरिक थीम पर बहुत ही सुंदर गरबा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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