एनएलसीआईएल ने ओडिशा में 2400 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना बीएचईएल को सौंपी

ईपीसी अनुबंध के तहत प्रतिस्पर्धी निविदाएं आमंत्रित करने के बाद यह बीएचईएल को सौंपा गया है

एनएलसीआईएल ने ओडिशा में 2400 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना बीएचईएल को सौंपी

नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। कोयला मंत्रालय की सहायक कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में 2,400 मेगावाट क्षमता (3 x 800 मेगावाट - चरण I ) पिटहेड ग्रीनफील्ड थर्मल पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए आईसीबी रूट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ईपीसी अनुबंध के तहत प्रतिस्पर्धी निविदाएं आमंत्रित करने के बाद यह बीएचईएल को सौंपा गया है।

यह प्रोजेक्ट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है। संपूर्ण 2400 मेगावाट बिजली तमिलनाडु, ओडिशा, केरल और पुडुचेरी राज्यों से जुड़ी हुई है। इस संबंध में योजना, तैयारी और मूल्यांकन पहले से हो चुका है। अनुबंध के दायरे में 3 x 800 मेगावाट - चरण I के लिए बॉयलर, टर्बाइन, जनरेटर, संयंत्रों का संतुलन, एफजीजी और एससीआर जैसे उपकरणों की इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, निर्माण और कमीशनिंग शामिल है।

इस तापीय परियोजना के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड की 20 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) तालाबेरा II और III खदानों से कोयला लिंकेज उपलब्ध है, जो ओडिशा के झारसुगुड़ा और संबलपुर जिलों में 2020 तक पहले से ही चालू हैं। परियोजना के लिए आवश्यक पानी को हीराकुंड जलाशय से जोड़ा गया है और उत्पन्न बिजली को आईएसटीएस और एसटीयू नेटवर्क के माध्यम से पंप किया जाएगा।

यह परियोजना पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) के दिशानिर्देशों को पूरा करने के लिए एफजीडी और एससीआर जैसे अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के साथ स्थापित की जाएगी। विद्युत मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार बायोमास हैंडलिंग प्रणाली के साथ-साथ हरित पहल के हिस्से के रूप में बॉयलरों को बायोमास जलाने के लिए डिजाइन किया जाएगा।

परियोजना की पहली इकाई वित्तीय वर्ष 2028-29 के दौरान चालू होने वाली है। पिथेड थर्मल परियोजना होने के कारण, परिवर्तनीय लागत प्रतिस्पर्धी होगी और एनएलसी इंडिया अपने लाभार्थियों को कम लागत वाली बिजली का उत्पादन और आपूर्ति करेगा।

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