पहली बार वर्ल्ड बैंक ने 350 मिलियन यूएस डॉलर की राशि हेल्थ एंड वेलनेस के सुदृढ़ीकरण के लिए मंजूर की : भूपेन्द्र पटेल
मुख्यमंत्री ने प्री-वाइब्रेंट इवेंट के अंतर्गत होलिस्टिक हेल्थकेयर समिट का उद्घाटन किया
गांधीनगर, 5 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को गांधीनगर में होलिस्टिक हेल्थकेयर समिट का शुभारंभ किया। गुजरात की ग्लोबल डेस्टिनेशन के रूप में ख्याति को सुदृढ़ करने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का दसवाँ संस्करण आयोजित होने जा रहा है। इसके प्री-इवेंट के रूप में यह हेल्थकेयर समिट का आयोजन हुआ है। इस समिट का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को मिली वैश्विक पहचान एवं प्रसिद्धि की सराहना की।
मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को होलिस्टिक डेवलपमेंट का टेक ऑफ पॉइंट बनाया है। उद्योगों के विकास के साथ उसके अनुरूप मानव संसाधन के विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, अर्बन डेवलपमेंट, हेल्थकेयर जैसे सोशल सेक्टर्स का भी वर्ल्ड क्लास विकास करने के लिए यह वाइब्रेंट समिट उचित प्लेटफॉर्म सिद्ध हुई है। ‘होलिस्टिक हेल्थकेयर-गुड हेल्थ एंड विल बींग फॉर ऑल' के विचार के साथ आयोजित हो रही इस समिट का शुभारंभ मुख्यमंत्री ने कराया।
उन्होंने कहा कि गुजरात में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक सरलता से पहुँचा है। 8800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के साथ गुजरात देश में प्रथम स्थान पर है। राज्य में पहली बार वर्ल्ड बैंक द्वारा 350 मिलियन यूएस डॉलर की राशि हेल्थ एंड वेलनेस के सुदृढ़ीकरण के लिए मंजूर की गई है। उन्होंने बताया कि सरकार संचालित कैंसर अस्पताल में साइबर नाइफ जैसी रोबोटिक मशीन से रेडियो थेरापी का उपचार भी एकमात्र गुजरात देता है।
गुजरात देश का फार्मास्युकिल हब बना है। देश के कुल फार्मा उत्पादन में 40 प्रतिशत तथा फार्मा एक्सपोर्ट में 28 प्रतिशत हिस्सा गुजरात का है। मेडिकल डिवाइसेस सेक्टर में भी गुजरात देश में 53 प्रतिशत योगदान के साथ अग्रिम पंक्ति में है। देश में बनने वाले कार्डियाक स्टेंट का 78 प्रतिशत तथा आँखों के लेंस का 50 प्रतिशत गुजरात में बनता है। राजकोट तथा जंबूसर में मेडिकल डिवाइसेस एवं बल्क ड्रग पार्क विकसित कर हमने इसमें भी अग्रसर रहने की परंपरा बनाए रखी है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर फार्मा तथा हेल्थकेयर सेंटर के अग्रणियों को गुजरात के बल्क ड्रग पार्क में फार्मा उद्योग स्थापित करने का आमंत्रण भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आज हमारा संपूर्ण हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटल बना है। पिछले दो वर्षों में गुजरात में टेली-कन्लस्टेशन तथा टेली-मेडिसीन का 60 लाख लोगों ने लाभ प्राप्त किया है। स्वास्थ्य क्षेत्र में रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी आ चुकी हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि राज्य में वर्ष 2003 में औद्योगिक रोजगार लगभग 7 लाख था, जो आज बढ़ कर लगभग 23 लाख हो गया है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए मेडिकल व फार्मा क्षेत्र में गुजरात को अग्रसर रखने में यह प्री-वाइब्रेंट हेल्थ समिट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में गुजरात के विकास का वर्णन करते हुए ऋषिकेश पटेल ने कहा कि गुजरात ने गत 20 वर्षों के दौरान मेडिकल कॉलेजों में 233 तथा मेडिकल सीटों में 360 प्रतिशत की वृद्धि की है। वर्ष 2010 में गुजरात के पास केवल 11 डायलिसिस सेंटर थे, जो आज 25 गुना बढ़ कर 272 हो गए हैं। डे-केयर कीमोथेरापी में तीन गुना और 108 एम्बुलेंस सर्विस में 16 गुना वृद्धि हुई है। इसके अलावा पीएचसी, सीएचसी, सब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, डायलिसिस यूनिट, मोतियाबिंद ऑपरेशन, फार्मा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, सेल्स यूनिट में भी उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव धनंजय द्विवेदी ने समिट का उद्देश्य स्पष्ट किया। इस समिट के दौरान शुक्रवार को प्रमोटिंग फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस सेक्टर, हेल्थकेयर में परिवर्तन लाने वाली टेक्नोलॉजी और प्रमोटिंग हेल्थकेयर विषयों पर सत्र आयोजित हुए। इस अवसर पर भारत सरकार के आयुष निदेशक डॉ. राजेश कोटेचा, राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त हर्षद पटेल, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और हेल्थकेयर एंड फार्मा सेक्टर के अग्रणी सहभागी हुए।