सोमालिया तट के पास अपहृत जहाज को भारतीय युद्धपोत ने अपने कब्जे में लिया
भारतीय कमांडो ने समुद्री डाकुओं को दी अपहृत जहाज छोड़ने की चेतावनी
जहाज पर सवार भारतीय दल सुरक्षित, मरीन कमांडो ऑपरेशन के लिए तैयार
नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई अरब सागर में सोमालिया तट के पास अपहृत हुए जहाज एमवी लीला नोरफोक के करीब पहुंच गया है। भारतीय युद्धपोत ने अपना हेलीकॉप्टर लॉन्च किया और भारतीय समुद्री कमांडो ने अपहृत जहाज को अपने कब्जे में लेकर समुद्री डाकुओं को अपहृत जहाज छोड़ने की चेतावनी जारी की है। जहाज पर सवार भारतीय दल सुरक्षित है और मरीन कमांडो मार्कोस ऑपरेशन के लिए तैयार हैं।
उत्तरी अरब सागर में सोमालिया से 300 समुद्री मील पूर्व में लाइबेरिया ध्वज वाले व्यापारिक जहाज एमवी लीला को अपहृत किया गया है। यह जहाज पोर्ट डु एको (ब्राजील) से बहरीन में खलीफा बिन सलमान के लिए जा रहा था। चालक दल ने 04 जनवरी की शाम को यूनाइटेड किंगडम समुद्री व्यापार संचालन (यूकेएमटीओ) पोर्टल पर जहाज पर पांच से छह समुद्री डाकुओं के सवार होने का संदेश दिया था। यूकेएमटीओ व्यापारिक जहाजों के लिए संपर्क और क्षेत्र में सैन्य बलों के साथ संपर्क के प्राथमिक बिंदु के रूप में कार्य करता है।
यूकेएमटीओ से सोमालिया के पास व्यापारिक जहाज एमवी लीला का अपहरण होने का संदेश मिलने के बाद भारतीय नौसेना के मिशन में तैनात प्लेटफार्मों ने अरब सागर में इस समुद्री घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया दी। भारतीय नौसेना ने तत्काल एक समुद्री गश्ती विमान (एमपीए) लॉन्च किया और जहाज की सहायता के लिए आईएनएस चेन्नई को मौके पर भेजने के लिए डायवर्ट कर दिया है। विमान ने आज सुबह जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जहाज के साथ संपर्क स्थापित किया। साथ ही नौसेना ने माकूल जवाब देने के लिए आईएनएस चेन्नई को सोमालिया के लिए रवाना कर दिया।
नौसेना के कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई अपने एंटी पाइरेसी गश्त से हटकर उत्तरी अरब सागर में एमवी लीला नोरफोक के पास आज अपराह्न 3:15 बजे पहुंचकर तीव्र प्रतिक्रिया दी है। भारतीय चालक दल और समुद्री कमांडो ने अपहृत जहाज एमवी लीला नोरफोक को अपने कब्जे में ले लिया है। जहाज को समुद्री गश्ती विमान, प्रीडेटर एमक्यू 9 बी और इंटीग्रल हेलोस का उपयोग करके निरंतर निगरानी में रखा गया है। जहाज पर सवार 11 सदस्यीय भारतीय दल सुरक्षित हैं और मरीन कमांडो मार्कोस ऑपरेशन के लिए तैयार हैं। साथ ही समुद्री डाकुओं को अपहृत जहाज छोड़ने की चेतावनी जारी की है।
उन्होंने बताया कि पूरे क्षेत्र में अन्य एजेंसियों और बहुराष्ट्रीय बल के समन्वय से समग्र स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। भारतीय नौसेना अंतरराष्ट्रीय साझेदारों और मित्रवत देशों के साथ क्षेत्र में व्यापारिक जहाजरानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।