डीजीसीए का एयर इंडिया और स्पाइसजेट को नोटिस, 14 जनवरी तक मांगा जवाब

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीनस्थ नागर विमानन महानिदेशालय एक नियामक संस्था है

डीजीसीए का एयर इंडिया और स्पाइसजेट को नोटिस, 14 जनवरी तक मांगा जवाब

नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने टाटा की अगुवाई वाली एयर इंडिया और संकट के दौर से गुजर रही स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विमान नियामक ने दोनों एयरलाइंस कंपनियों को कैट-3 मानकों का अनुपालन नहीं करने पर 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि डीजीसीए ने एयर इंडिया और स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विमान नियामक ने कैट-3 मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले पायलटों को रोस्टर करने पर एयर इंडिया और स्पाइसजेट एयरलाइंस को कारण बताओ नोटिस जारी कर 14 जनवरी तक जवाब मांगा है।

विमान नियामक ने यह नोटिस कम दृश्यता के कारण राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आईजीआई) की ओर जाने वाली 50 से अधिक उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करने के बाद जारी किया है। डीजीसीए ने एयर इंडिया और स्पाइसजेट को नोटिस जारी कर पूछा है कि खराब मौसम में एयरलाइंस ने कैट-3 मानकों का अनुपालन नहीं करने वाले पायलटों को रोस्टर में क्यों डाला।

क्या होता है कैट-3 और कैट-2 प्रशिक्षित पायलट

इस नियम के तहत मुख्य पायलट को कम से कम 2,500 घंटे और को-पायलट को 500 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव होना चाहिए, जो कैट-3 और कैट-3I प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए जरूरी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीनस्थ नागर विमानन महानिदेशालय एक नियामक संस्था है। यह निदेशालय विमानन दुर्घटनाओं तथा अन्य संबंधित घटनाओं की जांच करता है।

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