भारतीय गोल्फर अर्जुन अटवाल ने प्रवासी खेलों के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण का किया स्वागत

प्रवासी स्पोर्ट्स का यह दृष्टिकोण मेरे और मेरे परिवार के लिए विशेष महत्व रखता है

भारतीय गोल्फर अर्जुन अटवाल ने प्रवासी खेलों के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण का किया स्वागत

नई दिल्ली, 3 जनवरी (हि.स.)। भारतीय गोल्फ के दिग्गज अर्जुन अटवाल ने प्रवासी खेलों के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का स्वागत किया है। अटवाल, जो प्रतिष्ठित पीजीए टूर जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं, उन्होने होलिस्टिक इंटरनेशनल प्रवासी स्पोर्ट्स एसोसिएशन (एचआईपीएसए) के साथ अपने विचार साझा किया है, जो विशेष रूप से प्रवासी भारतीय युवाओं को खेल के माध्यम से उनकी मातृभूमि से जोड़ने और 'एकीकृत' करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया पहला संगठन है।

यूएसए में अपने घर से अटवाल ने आगे कहा, “मैंने हमेशा पीएम मोदी की सराहना की है। प्रवासी स्पोर्ट्स का यह दृष्टिकोण मेरे और मेरे परिवार के लिए विशेष महत्व रखता है। मैं अभी भी गोल्फ खेल रहा हूं। मैं अगले पांच साल गोल्फ खेलूंगा, और मुझे भारत में खेलने से खुशी मिलेगी। मेरे दोनों बेटे बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं। हम एक परिवार के रूप में बहुत खुश होंगे अगर वे भारत आकर खेल सकें और अपनी जड़ों से जुड़ सकें। आगे चलकर, प्रवासी बनाम निवासी प्रतियोगिता और भी रोमांचक होगी।''

एचआईपीएसए प्रवासी भारतीय युवाओं को शामिल करते हुए कई टूर्नामेंटों की योजना बना रहा है। हाल ही में उसने कबड्डी के विकास और प्रचार के लिए हरियाणा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। जिसमें विशेष रूप से विदेशी भारतीय महिला कबड्डी खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका अंतिम उद्देश्य ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में कबड्डी को शामिल करने पर जोर देना है।

2024 के लिए महिला कबड्डी और क्रिकेट में प्रवासी स्पोर्ट्स लीग की भी योजना है। 2012 अंडर-19 आईसीसी विश्व कप विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद इसके पहले समर्थकों में से एक हैं। उन्मुक्त जो अब संयुक्त राज्य अमेरिका में खेलते हैं, ने कहा, “प्रवासी भारतीयों के लिए खेल प्रतियोगिताओं के लिए प्रधान मंत्री का दृष्टिकोण बहुत प्रेरणादायक है। हम सभी को अपनी जड़ों से जुड़े रहने का मौका देता है। प्रवासी स्पोर्ट्स लीग की अवधारणा बहुत आशाजनक है, खासकर इसलिए क्योंकि यह फिटनेस, उत्साह और अपनी मातृभूमि से दोबारा जुड़ने की भावना को बढ़ावा देती है।''

बता दें कि प्रधानमंत्री ने 2019 में खेल बिरादरी के साथ एक बैठक में भारत में प्रतिभाशाली प्रवासी भारतीय युवाओं के लिए खेल प्रतियोगिताओं के संचालन का एक तरीका खोजने की कल्पना की थी और इच्छा जताई थी।

इससे पहले 2017 में, बेंगलुरु में प्रवासी भारतीय दिवस के 14वें संस्करण को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा था, ''मैं सभी युवा प्रवासियों का स्वागत करता हूं। आपको भारत से जुड़े रहना चाहिए और बार-बार वापस आना चाहिए। यह आपका घर है।"एचआईपीएसए, अपने उद्देश्यों के माध्यम से, पुल के रूप में कार्य करेगा और प्रतिभाशाली विदेशी युवाओं को भारत में नियमित रूप से खेलने का पहला अनुभव देने का प्रयास करेगा।

Tags: