आजादी के 76 साल बाद भी आधा दर्जन गांवों की नहीं बदली तस्वीर

हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के बीहड़ के चौबीसी क्षेत्र केगांव आजादी के 76 साल बाद भी बदहाल है

आजादी के 76 साल बाद भी आधा दर्जन गांवों की नहीं बदली तस्वीर

हमीरपुर, 02 जनवरी (हि.सं.)। हमीरपुर जिले में चन्द्रावल नदी किनारे बसे आधा दर्जन गांवों की हालत बड़ी ही दयनीय है। आजादी के 76 साल बाद भी इन गांवों की तस्वीर नहीं बदली। नदी पार करने के लिए एक पुल की सौगात भी नहीं मिल सकी, जिससे स्कूली बच्चे और ग्रामीण विवश होकर पैदल ही नदी पार करते हैं।

हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के बीहड़ के चौबीसी क्षेत्र केगांव आजादी के 76 साल बाद भी बदहाल है। सिसोलर, किसवाही और परेहटा समेत आधा दर्जन गांव चन्द्रावल नदी किनारे बसे हैं, जो सरकारी योजनाओं से आज भी नहीं चमक सके। बैजेमऊ, गढ़ा और उसके आसपास के कई गांव बारिश के मौसम में टापू में तब्दील हो जाते हैं। किसवाही गांव के प्रधान अशोक सिंह की मानें सिसोलर क्षेत्र से गांव की ओर आने वाली सड़क ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन गई है।

मुख्यालय आने जाने के लिए पैदल ही लोगों को नदी पार करना पड़ता है, क्योंकि चन्द्रावल नदी में एक पुल बनाने की पुरानी मांग आज तक नहीं पूरी की जा सकी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल चन्द्रावल नदी की जलधारा में एक सरकारी एम्बुलेंस पानी में फंस गई थी, जिससे प्रसव पीड़ा से छटपटाती महिला समेत कई लोग बाल-बाल बचे थे। इस मामले को लेकर सदर विधायक डा.मनोज प्रजापति ने किसवाही गांव के पास नदी में एक पुल निर्माण कराने की बात कही थी। उन्होंने यह मामला विधानसभा के सदन में भी उठाने की बात कही थी, लेकिन यह बातें हवा हवाई साबित हो रही है।

पैदल ही नदी पार करते हैं ग्रामीण और स्कूली बच्चे

किसवाही गांव के सुरेश कुमार व रामकरन समेत तमाम लोगों ने बताया कि नदी में पुल न होने की वजह से गांव के बच्चों को स्कूल जाने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मौदहा और हमीरपुर आने जाने के लिए चन्द्रावल नदी को पैदल करने के सिवाय कोई और दूसरा रास्ता भी नहीं है। मजबूरी में मोटरसाइकिल या अन्य साधनों से लोग नदी पार करते हैं। ऐसे में कभी कभार लोग पानी में फंस भी जाते हैं। नदी पार खेत जाने के लिए किसानों को नदी से पैदल ही जाना पड़ता है।

चन्द्रावल नदी किनारे बसे छह गांव आज भी बदहाल

मौदहा क्षेत्र के बीहड़ में नदी किनारे बसे तमाम गांव आज भी बदहाल है। ग्रामीणों ने बताया कि इस नदी के आसपास के इलाके चौबीसी क्षेत्र में आते हैं, जहां लोगों को नदी पार करने के लिए एक पुल की सौगात भी आज तक नहीं मिल सकी। नदी में पुल बनाने के लिए कई बार आंदोलन भी चलाए गए, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर सकी। हमीरपुर के शिवसेना के प्रदेश उपप्रमुख रतन ब्रह्माचारी ने बताया कि चन्द्रावल नदी में एक पुल बनाने की मांग के लिए फिर से प्रयास किए जाएंगे।

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