कुदरत का करिश्मा : मौत के कई घंटे बाद मृत महिला ने उठकर मांगा पानी
डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद महिला के लौट आए प्राण
हमीरपुर,30 दिसम्बर (हि.स.)। हमीरपुर में कुदरत का बड़ा करिश्मा देखकर लोग दंग रह गए है। एक महिला की इलाज के दौरान मौत होने के कई घंटे बाद वह न सिर्फ उसकी सांसें चलने लगी, बल्कि कफन में बंधी महिला अचानक उठकर पति से पानी मांगने लगी। यह दृश्य देख पति की आंखें खुशी से भर आई। महिला अब अपने घर आ गई है। उसके दोबारा जीवित होने पर घर में जश्र का माहौल है।
हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के सदर गांव के मातादीन रैकवार अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गुजर बसर कर रहा है। इसकी पत्नी अनीता (33) काफी समय से कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित है। शुरू में परिजनों को इसकी कैंसर बीमारी की जानकारी नहीं हो सकी। लेकिन पड़ोसी मध्यप्रदेश के भोपाल और छतरपुर में जांच के दौरान गंभीर बीमारी होने की बात बताई गई। पत्नी के इलाज के लिए मातादीन ने अमृतसर,जालंधर और चंडीगढ़ के बड़े हॉस्पिटल तक दौड़ लगाई। इन हॉस्पिटलों में महिला का इलाज कराया गया। परिजनों ने बताया कि शुरू में बुखार और दर्द की शिकायतें होने पर यहां के क्षेत्र के अस्पताल में इलाज कराया गया था, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला।
इसके बाद महानगरों के हॉस्पिटल जाना पड़ा। जांच में कैंसर बीमारी होने के लक्षण दिखने पर अनीता को जालंधर के बड़े हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां कई दिनों तक डॉक्टरों ने इलाज किया। इलाज कराने में मातादीन आर्थिक स्थिति से और भी कमजोर हो गया। इलाज के दौरान पत्नी की सांसें थम गई। डॉक्टरों ने भी महिला को मृत घोषित करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया था, लेकिन कई घंटे बाद उसके दोबारा जीवित होने पर परिवार के लोग भौंचक्के रह गए हैं। गांव के लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे हैं।
डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद महिला के लौट आए प्राण
मातादीन रैकवार ने बताया कि जालंधर के हॉस्पिटल में इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया था। बताया कि अनीता का शव हॉस्पिटल से मिलने पर उसे एम्बुलेंस के जरिए हमीरपुर स्थित गांव लाया जा रहा था, तभी नोएडा के पास बीच रास्ते पत्नी की सांसे चलने लगी। अचानक हाथ उठाते हुए पीने के लिए पानी मांगने लगी तो एम्बुलेंस स्टॉफ समेत सभी लोग दंग रह गए। बताया कि पत्नी के जीवित होने पर परिवार और रिश्तेदारों में बड़ी खुशी देखी जा रही है। मरने के कई घंटे बाद अनीता के जीवित होकर उठ बैठने से परिजनों की आंखें भी खुशी से छलक आई है।