वैश्विक टेक्नोलॉजी के साथ समन्वय के लिए गुजरात में अनूठा "स्किल डवलपमेंट इकोसिस्टम"

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वैश्विक टेक्नोलॉजी के साथ समन्वय के लिए गुजरात में अनूठा

अहमदाबाद, 23 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात की युवा पीढ़ी नई एवं उन्नत टेक्नोलॉजी से निरंतर अपडेट रहते हुए अपनी स्किल को अधिक अच्छे ढंग से अप्लाई कर सके, इसके लिए राज्य सरकार ने अनेक पहल की है। इसके परिणामस्वरूप पिछले दो दशकों के दौरान अनेक निवेश एवं उद्योग गुजरात में आए हैं। इससे गुजरात के स्किल इकोसिस्टम में आमूल परिवर्तन आया है।

मुख्यमंत्री भविष्यलक्षी कौशल्य विकास योजना (एमवीकेवीवाई): गुजरात के युवाओं के आवश्यक कौशल्य लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भविष्यलक्षी कौशल्य विकास योजना (एमवीकेवीवाई) लागू की थी। इसके अंतर्गत हेल्थकेयर, ऑटोमेटिव, ग्रीन जॉब्स, आईटी-आईटीइएस, ड्रोन्स, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा हार्डवेयर, टेलीकॉम आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नए युग के लगभग 92 पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाता है। राज्य में अब तक 13 हजार से अधिक लोगों को एमवीकेवीवाई के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया गया है।

मुख्यमंत्री स्किल डवलपमेंट इनीशिएटिव (एमएसडीआई): राज्य में कौशल्य विकास के प्रयासों को एकीकृत करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने “मुख्यमंत्री स्किल डवलपमेंट इनीशिएटिव” (एमएसडीआई) की घोषणा की थी। एमएसडीआई का प्राथमिक उद्देश्य राज्य के कौशल्य ढाँचे का अधिकतम उपयोग करना तथा हर साल पाँच लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देना है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत गत वर्ष 2022-23 में राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा 5.68 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर कौशल्यवान बनाया गया है।

कौशल्य-द स्किल यूनिवर्सिटी (केएसयू): गुजरात में "कौशल्य-स्किल यूनिवर्सिटी” (केएसयू) की स्थापना से शिक्षा एवं रोजगार के नए युग की शुरुआत हुई है। कौशल्य विकास तथा उच्च शिक्षा के बीच सेतु रूपी कार्य केएसयू कर रही है। केएसयू में स्कूल ऑफ कम्यूटिंग, स्कूल ऑफ साइंस-मैन्युफैक्चरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्कूल ऑफ सर्विस, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड फाइनेंस तथा स्कूल ऑफ ड्रोन्स सहित 6 विद्या शाखाओं के अंतर्गत 100 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हैं। इसके अलावा केएसयू ने “ड्रोन मंत्र लैब” की भी स्थापना की है, जो ड्रोन प्रशिक्षण के साथ ड्रोन उत्पादन का प्रशिक्षण भी देता है। केएसयू की विभिन्न विद्या शाखाओं के अंतर्गत हाल में 15,000 विद्यार्थी पंजीकृत हैं और 9,640 विद्यार्थी सर्टिफाइड हुए हैं। केएसयू ने विभिन्न औद्योगिक गृहों के साथ मजबूत संबंध एवं भागीदारी स्थापित की है, जिसके फलस्वरूप विद्यार्थियों को उद्योग की मांग से सुसंगत प्रशिक्षण दिया जा सके। ऐसे प्रयासों के चलते विद्यार्थियों को नौकरी की अच्छी संभावनाएँ उपलब्ध होती हैं।

मुख्यमंत्री एप्रेंटिसशिप योजना: मुख्यमंत्री एप्रेंटिसशिप योजना औद्योगिक इकाइयों के लिए उनकी कुशल कारीगरों की मांग को पूरा करने एवं युवाओं को औद्योगिक वातावरण में प्रशिक्षण देने का एक विशेष कार्यक्रम है। राज्य के एप्रेंटिस पोर्टल पर 32 हजार से अधिक संस्थाओं के पंजीकरण के साथ गुजरात राज्य देश में प्रथम स्थान पर है। गत वर्ष 2022-23 में राज्य के 1,21,710 युवाओं ने एप्रेंटिस के रूप में शामिल होकर औद्योगिक वातावरण में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

प्रोजेक्ट संकल्प: गुजरात सरकार के इस विशेष प्रोजेक्ट के अंतर्गत औद्योगिक गृह उनकी मांग एवं आवश्यकता के अनुसार स्किल में युवाओ को स्वयं ही तथा उनके उद्योग स्थल पर ही प्रशिक्षण दे सकें; इसके लिए सहायता दी जाती है, जिससे औद्योगिक गृह ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना कर अपनी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण दे सकें। गुजरात में प्रोजेक्ट संकल्प के अंतर्गत अब तक लगभग 3100 उम्मीदवारों को औद्योगिक गृहों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।

सक्षम केवीके 2.0: गुजरात के गाँवों तक तथा वंचित समूहों को भी सरलता से विभिन्न कौशल्य प्रशिक्षण देकर कौशल्य बनाया जा सके; इसके लिए राज्य सरकार ने सक्षम केवीके 2.0 योजना शुरू की थी। इसके अंतर्गत महिला, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग, वयोवृद्ध तथा वंचित नागरिकों के समूह को एक स्थान पर प्रशिक्षण दिया जा सके; इसकेलिए कौशल्य वर्धन केन्द्रों की स्थापना कर प्रशिक्षण दिया जाता है। राज्य में अब तक लगभग 2100 नागरिकों को इस योजनांतर्गत प्रशिक्षण दिया गया है।

आईटीआई में स्किलिंग: गुजरात के पास प्रत्येक तहसील में एक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) होने का विशेष लाभ है। हाल में गुजरात के कुल 558 आईटीआई की हर वर्ष 2 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने की क्षमता है। आईटीआई में लगभग 132 ट्रेड्स में विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। आईटीआई के इस व्यापक नेटवर्क ने उसकी 85 प्रतिशत सीटें भर कर लगभग 1.36 लाख से अधिक प्रशिक्षु पंजीकृत किए हैं, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है।

मेगा आईटीआई: उभरती टेक्नोलॉजी में अग्रिम प्रशिक्षण देने के लिए राज्य सरकार द्वारा 41 नोडल आईटीआई को ‘मेगा आईटीआई’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन मेगा आईटीआई में 6 से 8 सेक्टरल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस होंगे, जो उभरती टेक्नोलॉजी तथा उन्नत कौशल्य का प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इसके अलावा राज्यमें स्थानीय रोजगार के अवसरों को वेग देने के लिए जीआईडीसी एस्टेट में उद्योगों के साथ मिल कर राज्य सरकार मिनी आईटीआई की भी स्थापना कर रही है।

गुजरात एपेक्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (गति): गुजरात एपेक्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (गति) प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य सरकार 4 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओईएस) तथा 8 इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (आईटीओटीएस) की स्थापना करेगी, जिसमें कुशल, अनुभवी तथा प्रशिक्षित ट्रेनर्स का समूह बनाने के लिए नवीन टेक्नोलॉजी के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑफर किए जाएंगे। GATI के अंतर्गत आधुनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मांग आधारित अल्पकालीन व दीर्घकालीन पाठ्यक्रम विकसित किए जाएंगे।

इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट (आईडीआई): विश्व के सबसे बड़े डायमंड मैन्युफैक्चरिंग सेंटर सूरत में पिछले 44 वर्षों से इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट (आईडीआई) कार्यरत है, जो देश-विदेश में डायमंड, जेम्स एंड ज्वेलरी क्षेत्र में टेक्नोलॉजी तथा नवीनता के साथ निरंतर सेवाएँ प्रदान कर रहा है। इस इंस्टीट्यूट में डायमंड, जेमोलॉजी तथा ज्वेलरी में प्रोफेशनल कोर्स चलाए जाते हैं। साथ ही, यहाँ जेम्स एंड ज्वेलरी क्षेत्र के हर पहलू का समावेश कर विभिन्न प्रकार के शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अधिकतम व्यावसायिक ज्ञान प्रदान करना है।

शिक्षा विभाग द्वारा सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना: राज्य की युवा पीढ़ी को कौशल्यवान बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा भी अनेक प्रयास किए गए हैं। सरकारी डिग्री इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निकल कॉलेजों में रोबोटिक्स तथा एडवांस मैन्युफैक्चरिंग के अंतर्गत थ्रीडी प्रिंटिंग, कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सेमीकंडक्टर डिजाइन एंड एडवांस वेरीफिकेशन, साइबर फिजिकल सिस्टम तथा क्लाउड सर्विसेज जैसी न्यू एज टेक्नोलॉजी के अनुरूप कौशल्य निर्माण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इसके माध्यम से लगभग 35 हजार विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रसर बनाया जाएगा।

गुजरात में पिछले दो दशकों के दौरान देश के सबसे उत्तम स्किल डवलपमेंट इकोसिस्टम का निर्माण हुआ है। इसके साथ ही पिछले कुछ वर्षों से राज्य के युवाओं को रोजगार देने में भी गुजरात देश में प्रथम है।

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