सूरत : चैंबर ऑफ कॉमर्स ने देश के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ देवेन चोकसी के साथ बैठक आयोजित की
रेलवे क्षेत्र के अलावा, कच्चे तेल, कोयला, सोना, रक्षा और शिक्षा क्षेत्रों में अगले दस वर्षों में बड़े अवसर दिख रहे हैं: देवेन चोकसी
दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 और सूरत इकोनॉमिक फोरम (थिंक ग्लोबल, एक्ट लोकल) का आयोजन किया। 'भारत की जीडीपी यूएस $ 12 ट्रिलियन: अनफोल्डिंग इंडिया इन्वेस्टिंग' पर एक बैठक सरसाना, सूरत में आयोजित की गई थी। जिसमें डीआर चोकसी फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और जाने-माने अर्थशास्त्री देवेन चोकसी शामिल हैं, जो देश के शेयर बाजार, निवेश, व्यापार, स्टॉक और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय व्यापार समाचार चैनलों पर विशेषज्ञ राय देते हैं। उन्होने सूरत के उद्योगपतियों, व्यापारियों, निवेशकों और पेशेवरों का मार्गदर्शन किया।
चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने एसजीसीसीआई ग्लोबल कनेक्ट मिशन 84 का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करते हुए कहा कि चैंबर अध्यक्ष रमेश वघासिया द्वारा भारत के व्यापारियों और निर्यातकों के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न देशों के व्यापारियों को मिशन 84 से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। भारत से निर्यात बढ़ाने के लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मिशन 84 प्रोजेक्ट के तहत एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय मंच बनाया है, जिससे भारत के 84,000 उद्यमियों और दुनिया के विभिन्न देशों के 84,000 व्यापारियों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
देवेन चोकसी ने कहा कि देश में अब बहुत तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। साल 2020 में जब दुनिया के देश अपनी अर्थव्यवस्था चलाने के बारे में सोच रहे थे तो भारत सरकार देश की अर्थव्यवस्था में नया निवेश कैसे ला सकती थी? वह उसी दिशा में सोच रही थी। कोरोना काल में जब वैश्विक स्तर पर अन्य देशों की अर्थव्यवस्था रुक गई थी, तब फरवरी 2020 में भारत सरकार ने अगले दस वर्षों की योजना के साथ बजट पेश किया।
1947 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई। वर्ष 2014 से 2023 तक यह 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। अगले चार वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था को 6 से 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और फिर 12 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह भारत में पूंजी तीन गुना बढ़ने की संभावना है। UPI सिस्टम की वजह से लोग एक-दूसरे से सीधे जुड़ गए हैं। बैंक की भूमिका गौण हो गयी है। हर व्यापारी अब डिजिटल पेमेंट कर रहा है। भारत में, सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा ई-रुपी का गठन किया गया है और दुनिया के 30 विभिन्न देशों में, बीटूबी भुगतान डिजिटल रुपये के साथ किया जा रहा है। बीटूबी और बीटूसी भुगतानों का अब वैश्विक व्यापारियों के साथ आदान-प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि अगले दस वर्षों में रेलवे क्षेत्र के अलावा कच्चे तेल, कोयला, सोना, रक्षा और शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े अवसर हैं। वर्ष 2030 तक नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी और फिर विदेशी छात्रों को भारत में पढ़ने के लिए आकर्षित करने के लिए पूरा बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। सूरत को भी विदेशी छात्रों को आकर्षित करने का प्रयास करना चाहिए।