सूरत : 'स्क्रीन टाइम से बचने के लिए सप्ताह में एक बार डिजिटल उपवास करें' : डॉ. प्रशांत कारिया
सर्वे के मुताबिक हम 6 मिनट में 1 बार, एक घंटे में 10 बार और दिन में करीब 150 बार फोन को अनलॉक करके चेक करते हैं
मोबाईल के उपयोग को लेकर संस्कार भारती स्कूल के सभागार में एक सेमिनार आयोजित किया गया। जिसमें डॉ. प्रशांत कारिया ने मोबाइल फ़ोन के अत्यधिक उपयोग से होने वाली समस्याएँ इस प्रकार बताई है। जैसे पूरे शरीर में सूखापन या दर्द, आंखों से लगातार पानी आना, धुंधली दृष्टि और लगातार सिरदर्द, लगातार नीचे देखने के कारण गर्दन और पीठ की समस्याएं, उंगलियों में दर्द या कठोरता, वजन बढ़ना, नींद न आना, अवसाद, कम आत्मसम्मान।
"एक माता-पिता अपने 15 वर्षीय बेटे को मेरे पास लाए और कहा कि सर प्रचेत 10वीं कक्षा में है। उनके जन्मदिन पर हमने उसे आईफोन गिफ्ट किया।' अब वह देर रात तक जागता है और लगातार मोबाइल फोन का उपयोग करता रहता है, इसलिए उसे पढ़ाई के लिए समय नहीं मिलने से परिक्षा में उसके नंबर नहीं आते। वह नेटफ्लिक्स पर सीरीज़ देखता है और ऑनलाइन गेम खेलता है। चूंकि अब वह बहुत ज्यादा चीडचीड़ा हो गया है और अब उसका कोई सच्चा दोस्त भी नहीं है तो हमारी मदद करें। मुझे लगता है, शायद यह हर घर की कहानी हो गई है।
संस्कारभारती स्कूल के सभागार में एस एपिकल कॉमर्स एजुकेशन द्वारा मीडिया के साथ रि-डिजाइनिंग रिलेशनशिप विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. प्रशांत कारिया ने बताया कि बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे बचाया जाए। इस अवसर पर एपिकल के उभरते सितारों को भी सम्मानित किया गया।
डॉ. प्रशांत कारिया ने आगे कहा कि एक सर्वे के मुताबिक हम लगभग हर 6 मिनट में अपना फोन अनलॉक करते हैं और अलग-अलग ऐप का इस्तेमाल करते हैं। यानी एक घंटे में 10 बार और दिन में करीब 150 बार हम फोन को अनलॉक करके चेक करते हैं!!! और अगर गलती से भी नेटवर्क नहीं आ रहा या फ़ोन बंद हो गया तो समझो हमारी जिंदगी ख़त्म हो गयी!!! स्क्रॉल करने या पसंद करने में बहुत अधिक समय व्यतीत होता है और हाँ, मुझे कितने लाइक मिले इसकी जाँच करना सबसे अधिक समय लेने वाला है। एक अन्य सर्वे के मुताबिक करीब 61 फीसदी लोग मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं। रिसर्च के मुताबिक मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हमारे दिमाग का रिवॉर्ड सेंटर हाई जैक हो जाता है!!!
डॉ. प्रशांत कारिया ने बच्चों की फोन की लत छुड़ाने के टिप्स दिए जो इस प्रकार है। एक पारिवारिक मीडिया नीति बनाएं जिसमें स्क्रीन मुक्त क्षेत्र जैसे, शयनकक्ष, डाइनिंग टेबल, बाथरूम में मोबाइल के उपयोग से बचें। सूबह जागने के एक घंटे बाद, बिस्तर पर जाने से एक घंटे पहले, भोजन के समय, परिवार के सभी सदस्यों के साथ, चलते समय, गाड़ी चलाते समय, डिजिटल फास्ट- एक बार सप्ताह मोबाइल का उपयोग न करें।