नर्मदा योजना के प्रभावितों का पुनर्वास कर बसाई गई बस्तियों का होगा मूल गांवों में विलय

गुजरात सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से निर्मित बस्तियों को उनके मूल गाँव की मिलेगी पहचान

नर्मदा योजना के प्रभावितों का पुनर्वास कर बसाई गई बस्तियों का होगा मूल गांवों में विलय

6 जिलों की 80 बस्तियों का उनके मूल गांव में किया जाएगा विलय

गांधीनगर, 18 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सरदार सरोवर बांध के निर्माण के कारण डूब क्षेत्र में आने वाली भूमि के खातेदारों के पुनर्वास के लिए निर्मित बस्तियों में से लगभग 80 बस्तियों को उनके निकटस्थ मूल गांव में विलय करने का निर्णय किया है।

सरदार सरोवर बांध के निर्माण के कारण जिनकी ज़मीनें डूब क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, उन खातेदारों के पुनर्वास के लिए सरदार सरोवर पुनर्वास अभिकरण (एसएसपीए) द्वारा अलग-अलग स्थानों पर बस्तियां बनाई गई हैं। नर्मदा योजना के प्रभावितों का पुनर्वास कर बसाई गई इन बस्तियों में प्रभावितों के लिए आवासीय घर, पेयजल की सुविधा, सड़क, कॉमन प्लॉट, स्कूल, चिकित्सालय आदि भौतिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। राज्य के पंचायत, ग्रामीण गृह निर्माण एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ऐसी बस्तियों को उनके निकटस्थ मूल गांव में विलय करने संबंधी प्रस्ताव मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के समक्ष किया था, जिसे उन्होंने अनुमोदित कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से ऐसी बस्तियों के संबंध में लंबित रहे इस विषय का सुखद निराकरण आया है।

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इस निर्णय के अनुसार भरूच ज़िले की 9, छोटा उदेपुर ज़िले की 14, नर्मदा ज़िले की 13, वडोदरा ज़िले की 38, पंचमहाल ज़िले की 5 और खेडा ज़िले की 1 सहित कुल 80 बस्तियों का मूल गांव के साथ विलय कर दिया जाएगा। इन बस्तियों के मूल गांव के साथ विलय होने से इन बस्तियों के लोगों को सम्बद्ध ग्राम पंचायत द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं, इन बस्तियों के लोगों को ग्राम पंचायत की निर्णय प्रक्रिया में सहभागी होने का अवसर मिलेगा तथा सम्बद्ध ग्राम पंचायत के साथ विलय के कारण उनके सामाजिक रीति-रिवाज़ों और व्यवहारों में भी एक-दूसरे के साथ समन्वय एवं संबंध सुदृढ़ बनेंगे।

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