सूरत : ठंड के दौरान रात में सड़कों पर सो रहे लोगों के साथ पुलिस का मानवीय रूख

सूरत : ठंड के दौरान रात में सड़कों पर सो रहे लोगों के साथ पुलिस का मानवीय रूख

सार्वजनिक सड़कों पर रहने वाले लोगों को समझा-बुझाकर शेल्टर होम में भेज दिया

शहर में कड़ाके की ठंड के दौरान रात में सार्वजनिक सड़कों पर सो रहे लोगों को समझाने के लिए सूरत पुलिस कृतसंकल्प हो गई है। शहर के विभिन्न इलाकों में सड़क व पुल के नीचे रहने वाले बेघर नागरिकों को समझाइश देकर शेल्टर होम में शिफ्ट कर दिया गया है। सूरत सिटी कंट्रोल रूम के एसीपी ईश्वर परमार और उनकी टीम ने अब तक ऐसे 301 लोगों को दो शेल्टर होम में शिफ्ट किया है।

सड़क पर रात्रिवास करनेवाले लोगों को समझाने पुलिस समिति का गठन

सूरत में रोजगार की तलाश में निकले सैकड़ों मजदूर सर्दी, गर्मी और बरसात के तीनों मौसमों में पुलों के नीचे या फुटपाथों पर सार्वजनिक स्थानों पर शरण लेते नजर आते हैं। ऐसे लोगों को सर्दी के कारण आश्रय नहीं मिल पाता है। चूंकि ठंड में पूरी रात गुजारना उनके लिए मुश्किल होता है। ऐसे लोगों के लिए पुलिस विभाग द्वारा एक समिति का गठन किया गया है जो शहर में सार्वजनिक सडक पर रात्रिवास करते है उन्हे समझाकर नगर निगम द्वारा बनाए गए शेल्टर होम में आश्रय दिया जाए। सूरत शहर के पुलिस आयुक्त अजय कुमार तोमर के जो खुद समिति के सदस्य हैं, सहायक पुलिस आयुक्त सूरत शहर नियंत्रण कक्ष ईश्वर परमार सहित विभिन्न थानों के सामाजिक कार्यकर्ता ने लोगों को सडक से शेल्टर होम में शिफ्ट किया है। 

समाजसेवियों की मदद से सड़क पर रहने वाले लोगों को यह समझाया गया 

समाजसेवियों की मदद से सड़क पर रहने वाले लोगों को यह समझाया गया कि उन्हें आश्रय गृह में वे सभी सुविधाएं मिल सकती हैं जिसकी उन्हें जरूरत है, जिससे खुले सडक पर रहने के बजाए आश्रय गृह (शेल्टर होम) में रहना उनके लिए सुरक्षित है। जनता का रिस्पांस भी अच्छा रहा है। वर्तमान में सर्दी के कारण ऐसे लोगों को आश्रय नहीं मिल पाता है और ऐसे में पूरी रात ठंड में गुजारना मुश्किल होने के क ारण रेलवे स्टेशन, सलाबतपुरा, महिधरपुरा समेत शहर के कई इलाकों से कई लोग आश्रय गृहों में रहने को तैयार हैं।

अब तक करीब 301 बेघर लोगों को शेल्टर होम में शरण दी 

इस संदर्भ एसीपी व समिति के नोडल अधिकारी ईश्वर परमार ने बताया कि अब तक हमने करीब 301 बेघर लोगों को शेल्टर होम में शरण दी है। मैंने सभी थानों को ऐसे रहने वाले लोगों को समझाकर शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया है और हम समाजसेवी जिगर भाई और तरुणभाई को भी अपने साथ रख रहे हैं ताकि इसका सार्थक परिणाम मिले। इन लोगों का यहां कोई स्थायी निवास नहीं है। क्योंकि जो लोग कमाते हो जाते हैं वे किराए पर मकान लेने से उनका पुनर्वास भी हो जाता है।

Tags: Surat