पोलेंड की सीमा पर माइनस 12 डिग्री ठंड में ‌ऐसे ठिठुर कर भारतीय छात्रों ने गुजारी रात, जानें क्या कहा

पोलेंड की सीमा पर माइनस 12 डिग्री ठंड में ‌ऐसे ठिठुर कर भारतीय छात्रों ने गुजारी रात, जानें क्या कहा

पोलेंड में प्रवेश करने के बाद जल्द से जल्द छात्रों को भारत लाया जाएगा

रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध के कारण कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे हुये है। ऐसे में कई छात्र पोलेंड के द्वारा भारत लौटने का प्रयास कर रहे है। हालांकि कड़ी ठंडी में इंतजार करना छात्रों के लिए काफी तकलीफ वाला काम बन रहा है। पोलेंड की सरहद पर तो छात्रों को माइनस 12 डिग्री ठंड में मात्र बिस्किट खाकर पूरी रात गुजारने की नौबत आई थी। हालांकि रविवार को दोपहर के बाद यूक्रेन की और से द्वारा बॉर्डर खोले जाने के कारण गुजराती छात्रों के पोलेंड पहुँचने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
इस बारे में स्थानीय वर्तमान पत्र के साथ किए गए एक साक्षात्कार में ध्रुमित पटेल नाम के छात्र के पिता ने बताया कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गया ध्रुमित तकरीबन 700 लोगों के एक ग्रुप के साथ पोलेंड की बॉर्डर पर पहुँचने के लिए रवाना हुआ था। ध्रुमित पटेल से मिली जानकारी के अनुसार, 700 लोगों का यह ग्रुप यूक्रेन और पोलेंड शहर की सरहद पर आए शहर ल्वीव पहुंचा था, जहां से आगे वह प्रजेमिश्ल शहर में जाते। हालांकि इन सभी जगहों पर भारतीय दूतावास की और से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी। 
सैंकड़ों छात्रों के होने के बाद भी यूक्रेन तंत्र द्वारा एक बार में मात्र आठ से दस लोगों को ही सरहद को पार करने की अनुमति दी जा रही थी। छात्रों के परिवार द्वारा लगातार भारतीय दूतावास का संपर्क किया जा रहा है, हालांकि वहाँ से कोई भी प्रत्युत्तर नहीं आ रहा था। अधिकतर छात्रों के मोबाइल फोन भी चार्ज ना होने के कारण बंद हो गए थे। हालांकि रविवार को दोपहर को दोनों देशों की सरहद खोली गई थी। 
भारतीय एम्बेसी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, एक बार छात्र पोलेंड में प्रवेश कर लेते है, उसके बाद जल्द से जल्द छात्रों को भारत लाया जाएगा।