महाराष्ट्र : सरकार ने लिया बड़ा फैसला : अब से बंद होगा ये बड़ा नियम, महिलाओं को मिलेगा लाभ
By Loktej
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महाराष्ट्र में विधवा प्रथा को बंद किया जा रहा है
महाराष्ट्र में एक बड़ा नियम पारित हुआ है और इसके बाद अब महाराष्ट्र में विधवा प्रथा को बंद किया जा रहा है। ये कदम उठाया महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए गया है। इस नियम के आने के बाद से अब महाराष्ट्र में अब विधवा की चूड़ी तोड़ने, सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र निकालने की प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया गया है।
जानकारी के अनुसार कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत की ग्राम विकास अधिकारी पल्लवी कोलेकर और सरपंच सुरगोंडा पाटिल और उनकी ग्राम सभा ने इसे खत्म करने के लिए सबसे पहले शुरुआत की थी। कोल्हापुर जिले में हेरवाड़ ग्राम पंचायत के विधवा प्रथा को रोकने के निर्णय को महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए एक सर्कुलर जारी किया है। अब सभी ग्राम पंचायत इसे लागू करेंगे। इस बारे में राज्य ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हसन मुश्रीफ ने एक बयान में कहा, भारत एक वैज्ञानिक और प्रगतिशील समाज है, पति की मृत्यु के बाद भी महिलाओं के चूड़ियां तोड़ने, माथे से 'कुमकुम' (सिंदूर) पोंछने और विधवा के मंगलसूत्र को हटाने की प्रथा ग्रामीण महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में चल रही थी। इसलिए निर्णय में ऐसी प्रथाओं को रोकने का फैसला लिया गया है।
हेरवाड़ की ग्राम सभा ने कोल्हापुर में आई बाढ़ और उसके बाद की महामारी के दौरान हुई लोगों के मौत के बाद, इस तरह की प्रथाओं को रोकने का संकल्प लिया। सरपंच पाटिल ने कहा कि यह क्रांतिकारी निर्णय राजश्री शाहू महाराज की ओर से विधवाओं के लिए किए गए कार्यों के कारण लिया गया है। पाटिल ने कहा, विधवा महिलाओं को भी अन्य महिलाओं की तरह सम्मान के साथ जीने का पूरा अधिकार है। विधवा प्रथा का पालन करना गरिमापूर्ण जीवन के मानवीय और संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। इसलिए ग्रामीण विकास विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में महिलाओं के अधिकारों का हनन न हो।
गौरतलब है कि कई महिला संगठन भी इस प्रथा को रोकने की कोशिश कर रही थीं। ऐसे सरकार ने अब सभी राज्यों में हेरवाड़ ग्राम पंचायत पैटर्न लागू करने की अपील कर कानून बनाना स दिशा में बड़ा कदम है।
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