यात्राधाम और पर्यटन सुविधा को गति देने वाला मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का महत्वपूर्ण निर्णय
धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों सहित सर्वग्राही विकास के लिए ‘द्वारका-ओखा शहरी विकास प्राधिकरण’ का गठन
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्राचीन तीर्थ क्षेत्र और भगवान श्री कृष्ण की कर्मभूमि द्वारका, सुदर्शन सेतु से दुनिया भर में प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले बेट द्वारका और ब्लू फ्लैग बीच की विशिष्ट पहचान रखने वाले शिवराजपुर सहित क्षेत्रों के पर्यटन एवं सर्वग्राही बुनियादी ढांचा सुविधा विकास के लिए ‘द्वारका-ओखा शहरी विकास प्राधिकरण’ का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने ओखा और द्वारका की नगर पालिकाओं के अलावा आरंभडा, सूरजकराडी और बेट द्वारका सहित अन्य क्षेत्रों और शिवराजपुर एवं वरवाला ग्राम पंचायतों के कुल 10,721 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए ‘द्वारका-ओखा शहरी विकास प्राधिकरण’ के गठन को स्वीकृति दी है।
उल्लेखनीय है कि अरब सागर के किनारे और गोमती नदी के तट पर बसा प्राचीन तीर्थ द्वारका हिन्दू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक है। द्वारकाधीश मंदिर के अलावा शंकराचार्य के मठ और अनेक मंदिरों वाला यह तीर्थ क्षेत्र धार्मिक नगरी के रूप में विख्यात है। देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु भगवान द्वारकाधीश के दर्शन के साथ-साथ आसपास के दर्शनीय ऐतिहासिक स्थलों को देखने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में बेट द्वारका को द्वारका के साथ जोड़ने वाले दो किलोमीटर से अधिक लंबे ‘सुदर्शन सेतु’ का लोकार्पण कर बेट द्वारका की यात्रा को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया है। इन दो धार्मिक स्थानों के साथ-साथ अरब सागर के किनारे और द्वारका के निकट स्थित सफेद चमकीली रेत और साफ नीले पानी की मंत्रमुग्ध करने वाली सुंदरता के साथ राज्य का एकमात्र ‘ब्लू फ्लैग बीच’ का दर्जा प्राप्त शिवराजपुर भी पर्यटन आकर्षण का अनूठा केंद्र है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इन सभी स्थानों की यात्रा पर आने वाले यात्रियों-पर्यटकों को सुरक्षित वातावरण के साथ ही संतोषजनक अनुभव प्रदान करने के समग्र दृष्टिकोण के साथ, इस पूरे क्षेत्र में मूलभूत नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने तथा उसका उचित एवं प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के लिए ‘द्वारका-ओखा शहरी विकास प्राधिकरण’ का गठन किया है। इस प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में देवभूमि द्वारका जिले के कलेक्टर और सदस्य के तौर पर पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के सचिव, चीफ टाउन प्लानर, द्वारका जिला विकास अधिकारी, रीजनल म्युनिसिपल कमिश्नर, राजकोट और सदस्य सचिव के रूप में देवभूमि द्वारका जिले के अपर निवासी कलेक्टर को शामिल किया है। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर चुने हुए 4 सदस्य तथा जिला पंचायत के अध्यक्ष को भी इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में शहरी विकास और शहरी गृह निर्माण विभाग इस ‘द्वारका-ओखा शहरी विकास प्राधिकरण’ के गठन के द्वारा गुजरात नगर रचना और शहरी विकास अधिनियम 1976 के अंतर्गत विकास योजना (डीपी) भी बनाएगा। इतना ही नहीं, इन विकास योजनाओं से अग्रिम योजनाएं भी बनाई जा सकेगी और इस क्षेत्र में सड़क, स्ट्रीट लाइट, उद्यान और ड्रेनेज जैसे और अधिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेगी। मुख्यमंत्री के इस महत्वपूर्ण निर्णय के चलते इस पूरे क्षेत्र में धार्मिक और पर्यटन गतिविधियों के साथ-साथ वाणिज्यिक इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, नए निवेश की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर तथा आर्थिक विकास के नए मानक स्थापित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए विकसित भारत के संकल्प में इस प्राधिकरण के गठन के जरिए गुजरात धार्मिकता के साथ आधुनिकता के सुखद समन्वय से विकास के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान बनाने में सक्षम होगा।