आर्मेनिया ने भारत को दिया 84 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम का ऑर्डर
दो किश्तों में खरीदने के बाद आर्मेनियाई सेना के पास एटीएजीएस की संख्या 90 हो जाएगी
आर्मेनिया ने पिछले साल भारत को दिया था मिसाइल, रॉकेट और गोला-बारूद का ऑर्डर
नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। अपने पड़ोसी अजरबैजान से आत्मरक्षा में लगा आर्मेनिया तेजी के साथ सैन्य हथियार जुटा रहा है। भारत से पिछले साल 06 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) खरीदने के बाद अब फिर 84 गन के दूसरे बड़े बैच का ऑर्डर दिया है। इसे मिलाकर अब आर्मेनियाई सेना के पास 90 एटीएजीएस हो जाएंगी। इससे पहले आर्मेनिया ने भारत से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर भी खरीदे हैं। भारत स्वदेशी हथियारों का निर्यात बढ़ाने के लिए विदेशी ऑर्डर हासिल करने के लगातार प्रयास कर रहा है।
मित्र देश आर्मेनिया ने भारतीय रक्षा कंपनी कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड को 155 मिमी/39 कैलिबर आर्टिलरी गन की आपूर्ति के लिए 155.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर दिया है। एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) एक 155 मिमी/52 कैलिबर का होवित्जर है, जिसे आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एआरडीई), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स ने भारतीय सेना के लिए विकसित किया है। भारत फोर्ज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया विनिर्माण भागीदार हैं।
आर्मेनिया ने 2023 में एटीएजीएस की 6 इकाइयों के लिए ऑर्डर दिया था। इन 06 रेजिमेंट की आपूर्ति तीन साल की समय सीमा के भीतर पूरी की जाएगी। अब आर्मेनिया ने भारत को फिर 84 एटीएजीएस के दूसरे बड़े बैच का ऑर्डर दिया है। दूसरे ऑर्डर की भी आपूर्ति होने के बाद आर्मेनियाई सेना के पास 90 एटीएजीएस हो जाएंगी। इस सैन्य हार्डवेयर में मिसाइल, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, अपतटीय गश्ती जहाज, व्यक्तिगत सुरक्षा गियर, निगरानी प्रणाली और विभिन्न प्रकार के राडार शामिल हैं।
भारत को पिछले साल सितंबर में आर्मेनिया से मिसाइल, रॉकेट और गोला-बारूद के लिए 245 मिलियन डॉलर का ऑर्डर मिला था। सितम्बर माह की शुरुआत में सरकार से सरकार के तहत दोनों देशों के बीच कई अनुबंध हुए थे। आर्मेनिया ने अन्य प्रणालियों के साथ पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) सिस्टम की खरीद के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। आर्मेनिया को पिनाका रॉकेट की आपूर्ति 245 मिलियन के नए हथियारों और बारूद के निर्यात पैकेज का हिस्सा है। आर्मेनियाई सेना ने फिलहाल छह अतिरिक्त पिनाका रेजिमेंट के लिए ऑर्डर दिया है।
भारत ने 2020 में भी आर्मेनिया से 350 करोड़ रुपये का सौदा हासिल करके दुश्मन के खतरनाक हथियारों को खोजने में माहिर चार स्वाति वेपन लोकेटिंग राडार (डब्ल्यूएलआर) की आपूर्ति की थी। भारतीय सेना के लिए डिज़ाइन किए गए इन राडार का उपयोग दुश्मन की तोपों के गोले, मोर्टार और रॉकेट को ट्रैक करने के लिए किया जाता है। दुश्मन के लॉन्चरों पर निगाह रखने के लिए भारत ने इस राडार को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर लगाया है। 50 किलोमीटर की रेंज में एक साथ कई दिशाओं से आ रहे गोले और रॉकेट की सही दिशा बताने में ये राडार माहिर है।