कल दो समाचार सभी जगह ज्यादा चर्चा में रहे। एक नितिन गडकरी का बयान तथा दूसरा राहुल गांधी का किसान आभार सम्मेलन। ईशा कोप्पिकर को बीजेपी में शामिल कराने के कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है। इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें। गडकरी ने कहा कि मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं, मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा करता हूं। इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना चालू कर दिया। वैसे इस बयान पर राजनीतिक ड्रामा होना तय ही था। गणतंत्र दिवस के मौके पर भी नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ गुफ्तगू करते देखे गए थे। ओर यहां तो लोगो के लिए इतना ही काफी है जो दो घटनाओं के मध्य कड़ी बैठाने में माहिर भी है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इस पर यह तक कह दिया कि गडकरी जी के बयान हिंदी की कहावत कहना चाहता हूं,कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना। उनकी निगाहें प्रधानमंत्री की कुर्सी पर हैं और निशाने पर खुद प्रधानमंत्री हैं। इस बयान पर कल पूरे दिन चर्चा चलती रही, सब लोग अपने अपने तरीके से इसका विश्लेषण करते रहे लेकिन इस बात में वाकई सत्यता तो है कि वादों के मुताबिक नही चलने वालों को जनता आड़े हाथों ले लेती है। इसी प्रकार का एक वादा राहुल गांधी ने भी छत्तीसगढ़ की जनता से किया था तथा कांग्रेसी नेताओं ने हाथ मे गंगाजल लेकर कसम खाई थी कि किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। और उसके परिणामस्वरूप किसानों ने वोटो से कांग्रेस की झोली भर दी। सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी व्यंग्य बाण कांग्रेस पार्टी तथा राहुल गांधी पर चलाये गए।
हालांकि उन्होंने सरकार बनते ही इस विषय की अधिसूचना भी जारी कर दी लेकिन उसके उपरांत भी लोगो ने चुटकी लेना नही छोड़ा तथा वो इस पर सवाल उठाते रहे। कल रायपुर में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने किसान आभार सम्मेलन आयोजित किया। जिसमे राहुल गांधी ने कहा कि आपने देखा, जो मैं कहता हूं, वो करके दिखाता हूं। फिर चाहे किसानों की कर्जमाफी हो, अधिग्रहित जमीन वापस करने का मामला हो। अब हम ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं, जो दुनिया की किसी सरकार ने नहीं किया। हमने निर्णय लिया है कि हिंदुस्तान के हर गरीब को 2019 के बाद कांग्रेस की सरकार आई तो न्यूनतम आय की गारंटी दी जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष की यह घोषणा तथा भाजपा के वरिष्ठ मंत्री कद्दावर नेता गडकरी का बयान दोनो में बहुत अधिक साम्यता है। जहां एक ओर वादा पूरा करके बड़े जोश के साथ दूसरा वादा किया जा रहा है वही सत्तासीन पार्टी का मंत्री वादा नही पूरा करने के बाद कि स्थिति बता रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मेरे बयान को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया है लेकिन प्रथमदृष्टया ही यह लग रहा है कि उन्होंने वादा न पूरा करने के की स्थिति को वर्णन किया है जो उनकी सरकार द्वारा कई जगहों पर किये गए थे और युवाओं के इस देश मे सबसे बड़ा वादा दो करोड़ रोजगार का था। जबकि सरकार ने हर जगह हर विभाग में कटौती की है। खैर भविष्य में क्या होगा यह तो वक्त ही बताएगा पर भाजपा में यदि ओर शत्रुघ्न सिन्हा बन गए तो अबकी बार सरकार बनाना बड़ा दुष्कर कार्य हो जाएगा।
सर्व आश्रयदात्री भारत माता की जय